काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi

काली चौदस पूजा विधि | Kali Chaudas Puja Vidhi Hindi PDF Summary

नमस्कार पाठकों, प्रस्तुत लेख से आप काली चौदस पूजा विधि PDF प्राप्त कर सकते हैं। काली चौदस की पूजा व व्रत माँ काली को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। काली माँ का पूजन करने से व्यक्ति के शत्रुओं का नाश हो जाता है तथा उसे किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता। काली माँ का पूजन व्यक्ति के जीवन को बहुत अधिक परिवर्तित कर देता है।बहुत से लोग माँ काली के स्वरुप को रौद्र रूप के रूप में देखते हैं तथा डरते हैं, जबकि ऐसा नहीं है माँ काली की कृपा से व्यक्ति के परिवार पर आने वाले जाने – अनजाने संकटों का नाश होता है। आप यहां लेख में दी गयी काली चौदस पूजा विधि को पढ़कर उस विधि के अनुसार माँ काली का पूजन कर सकते हैं।

काली चौदस पूजन विधि / Kali Chaudas Pujan Vidhi

काली चौदस पूजा करने से पहले अभ्यंग स्नान करना होता है। ऐसी मान्यता है कि अभ्यंग स्नान करने से व्यक्ति नरक में जाने से बच जाता है।इसके बाद जब आप काली पूजा में बैठे तो किसी न किसी सुंगध का शरीर में प्रयोग जरूर करें।इसके बाद मां काली की मूर्ति की स्थापना एक चौकी पर करें।चौकी पर आसन लाल रंग का दें।इसके बाद दीप जलाएं और ऊपर दी गई पूजा सामग्री को काली मां के निमित्त अर्पित करें।इसके बाद काली चालीसा, आरती और ध्यान लगाएं।

काली चौदस पूजा सामग्री / Kali Chaudas Puja Samagri

अगरबत्ती, धूप, फूल, काली उरद दाल, गंगा जल, हल्दी, हवन सामग्री, कलश, कपूर, कुमकुम, नारियल, देसी घी, चावल, सुपारी, शंख, पूर्णपतत्र, निरंजन, लकड़ी जलाने के लिए लाइटर, छोटी-छोटी और पतली लकड़ियां, घन्टा(बेल), गुड़, लाल, पीले रंग रंगोली के लिए, कॉटन की बॉल्स आदि सामग्री को इस पूजा में इस्तेमाल की जाती है।

 काली माँ की आरती Kali Maa Ji Ki Aarti

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l

तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll

तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी l

दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ll

सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली l

दुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll

माँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता l

पूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता ll

सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली l

दुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll

नहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना l

हम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना ll

सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली l

सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l

तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll

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